तेज प्रताप के निशाने पर तेजस्वी यादव,कहा-कर्पूरी-लोहिया-अंबेडकर-गांधी थे जननायक

बिहार विधानसभा चुनाव के बीच प्रदेश में जननायक शब्द को लेकर सियासी जंग छिड़ गई है. बीजेपी समेत तमाम दल आरजेडी पर इस शब्द को लेकर हमला बोल रहे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि पटना में लगे पोस्टर में तेजस्वी यादव को जननायक बताया गया था. इस पर खुद आरजेडी नेताओं ने एतराज जताया है. वहीं अब पूरे मामले पर तेजस्वी यादव के बड़े भाई तेजप्रताप यादव ने तंज कसते हुए कहा जो लोग जननायक बता रहे हैं, जननायक नहीं बताना चाहिए.तेज प्रताप यादव ने पोस्टर पर लिखे जननायक और नायक शब्द को लेकर कहा, ”तेजस्वी यादव लालू प्रसाद यादव की छत्रछाया में रहकर खुद को जननायक बता रहे हैं, हालांकि सच्चे जननायक वो होते हैं जो जनता से सीधे जुड़कर उनके बीच में काम करते हैं. लालू प्रसाद यादव, कर्पूरी ठाकुर, डॉ. भीमराव अंबेडकर और महात्मा गांधी जैसे लोग ही असली जननायक हैं.”तेजप्रताप ने आगे कहा कि जनता क्या चाहती है?

जो लोग खुद को ‘जननायक’ कह रहे हैं, उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए. लालू जी वास्तव में एक जननायक थे. आज राहुल गांधी और तेजस्वी पर लालू यादव की छत्रछाया हैं. मेरे पास वह छत्रछाया नहीं है. मेरे पास बिहार के गरीबों और युवाओं का मार्गदर्शन है. मैं उसी के साथ आगे बढ़ रहा हूं. मैं अपने दम पर काम करके परिणाम दिखाऊंगा.” राहुल और तेजस्वी को छत्रछाया से हटकर काम करना चाहिए.तेजप्रताप ने इससे पहले भी जननायक शब्द को लेकर ही तेजस्वी पर निशाना साधा था. चुनावी समर में तेजप्रताप के बयानों से साफ है कि परिवार के अंदर खींचतान अभी भी जारी है, जो कम होने का नाम नहीं ले रही है.जननायक शब्द यूज करने को लेकर आरजेडी के महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा था कि तेजस्वी के जननायक बनने में अभी काफी समय है. मुझको लगता है आने वाले दिनों में तेजस्वी लालू यादव और जननायक कर्पूरी ठाकुर के पदचिन्हों पर चलेंगे तो सब उन्हें जननायक कहेंगे.वहीं जेडीयू ने तेजस्वी के जननायक वाले पोस्टर के जवाब में जनसेवक वाला पोस्टर जारी किया है. नीतीश कुमार की फोटो के साथ जनसेवक लिखा पोस्टर जारी किया गया है. चुनावी समर में जनसेवक और जननेता को लेकर सियासी जंग छिड़ चुकी है.

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