महुआ में तेज प्रताप यादव की किस्मत दांव पर,अलीनगर में मैथिली ठाकुर का क्या चलेगा सिक्का?

बिहार विधानसभा का बिगुल बज चुका है. राज्य की 243 सीटों पर दो चरणों में मतदान होगा. पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को 18 जिलों की 121 सीटों के लिए होगा, जबकि दूसरे चरण में 11 नवंबर को शेष 122 सीटों के लिए मतदान होगा. वहीं, मतगणना 14 नवंबर को है. दोनों चरणों के लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो गयी है और चुनाव में मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच है, जबकि प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज पार्टी सहित अन्य राजनीतिक दल चुनाव मैदान में हैं. चुनाव के लिए प्रचार शुरू हो गया है और सभी राजनीतिक दलों के नेता चुनाव प्रचार में उतर गये हैं।बिहार विधानसभा चुनाव का पहला चरण 6 नवंबर को होना है. इस चरण में 121 सीटों पर 1314 उम्मीदवार चुनावी मैदान में ताल ठोकेंगे. चुनाव आयोग से मिली जानकारी के अनुसार 121 निर्वाचन क्षेत्रों में कुल 1690 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किए थे. इनमें से 315 उम्मीदवारों के नामांकन विभिन्न आधारों पर खारिज कर दिए गए, जबकि 61 वैध उम्मीदवारों ने चुनाव से हटने का फैसला किया.उसके बाद चुनाव मैदान में कुल 1314 उम्मीदवार मैदान में हैं.

इन उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र 10 से 17 अक्टूबर तक दाखिल किए गए थे और 18 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की जांच की गई थी।महुआ सीट पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता मुकेश कुमार रौशन, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के संजय कुमार सिंह, जनशक्ति जनता दल (जेजेडी) के तेज प्रताप यादव और जन सुराज पार्टी (जेएसपी) के इंद्रजीत प्रधान प्रमुख उम्मीदवार हैं. लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को राजद नेता के पद से निष्कासित किए जाने के बाद महुआ सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. इससे यह सीट चर्चा में है।बिहार के मुंगेर जिले का तारापुर, 2025 के बिहार विधानसभा चुनावों में सबसे महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है. परंपरागत रूप से जद(यू) का गढ़ रहा तारापुर अब सीट बंटवारे के तहत भाजपा को दे दिया गया है, जो गठबंधन की रणनीति में एक बड़ा बदलाव है. इस फैसले ने ध्यान खींचा है क्योंकि इससे बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी मैदान में आ गए हैं. चौधरी ने तारापुर को अपनी पुश्तैनी सीट बताया है, जिससे यह मुकाबला राजनीतिक और व्यक्तिगत दोनों रूप से महत्वपूर्ण हो गया है।कुशवाहा, यादव, मुस्लिम और अनुसूचित जाति के मतदाताओं की बड़ी मौजूदगी के कारण, तारापुर में पिछले कुछ वर्षों में जद(यू) और राजद के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला है, लेकिन 2010 से जद(यू) की लगातार जीत ने इस क्षेत्र में पार्टी को प्रमुख बना दिया है. अब, जब भाजपा जब इस सीट पर अपना उम्मीदवार उतार रही है, 2025 का चुनाव यह तय करेगा कि एनडीए गठबंधन अपनी जमीन कितनी मज़बूती से बचा पाता है और महागठबंधन की चुनौती का सामना कर पाएगा. इस सीट पर सम्राट चौधरी के खिलाफ राजद के अरुण कुमार और जनसुराज पार्टी के संतोष कुमार सिंह हैं।लखीसराय 2025 के बिहार विधानसभा चुनावों में हाईप्रोफोसाइ निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है. यह सीट इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा का गृह क्षेत्र है. भाजपा के लिए यह प्रतिष्ठा की लड़ाई है. इस चुनाव में विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ कांग्रेस के उम्मीदवार अमरेश कुमार और जनसुराज पार्टी के सूरज कुमार सहित कुल 13 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं।लोक गायिका और भाजपा नेता मैथिली ठाकुर द्वारा इस सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद अलीनगर हाल ही में चर्चा में रहा है. आगामी बिहार चुनाव में उनका मुकाबला राजद के विनोद मिश्रा और जनसुराज पार्टी के विप्लव कुमार चौधरी से होगा. कई वर्षों तक, राजद का इस सीट पर मजबूत दबदबा रहा है और उसे कोई खास चुनौती नहीं मिली, लेकिन 2020 में, वीएसआईपी ने यह सीट जीतकर बड़ा उलटफेर किया और राजद का लंबा सफर समाप्त कर दिया।राघोपुर विधानसभा सीट से राजद के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव चुनाव लड़ रहे हैं. यहां तेजस्वी यादव का मुकाबला भाजपा के सतीश कुमार यादव और जनसुराज पार्टी के चंचल सिंह से है. राघोपुर सीट लालू प्रसाद यादव के परिवार और राजद का पारंपरिक गढ़ माना जाता रहा है. यह राज्य की हाई प्रोफाइल सीट है।

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