Blog

सर्वसम्मति से तेजस्वी को सीएम और मुकेश सहनी को डिप्टी सीएम फेस के लिए चुना गया,जानिए कैसे?

सर्वसम्मति से तेजस्वी को सीएम और मुकेश सहनी को डिप्टी सीएम फेस के लिए चुना गया,जानिए कैसे?
  • PublishedOctober 23, 2025

बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच दिन था गुरुवार (23 अक्टूबर 2025) का और काफी समय से चल रहे मतभेद के बाद अचानक महागठबंधन ने बड़ा ऐलान कर दिया। महागठबंधन ने सर्वसम्मति से राष्ट्रीय जनता दल के नेता को महागठबंधन का मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर दिया, ये ऐसे वक्त में हुआ और ऐसे पद के लिए हुआ जिसके लिए महागठबंधन के सभी सहयोगी दल कई दिनों से असमंजस में थे, क्योंकि बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी सीटों की संख्या को लेकर सभी पार्टियां एक दूसरे से नाराज चल रही थीं और खींचतान जारी थी। लेकिन रार के बाद अचानक प्यार उमड़ा और ऐसा उमड़ा कि गठबंधन दल का नेता चुन लिया गया और इतना ही नहीं, डिप्टी सीएम के फेस पर भी मुहर लग गई और सब हैप्पी हैप्पी हो गया। महागठबंधन ने प्रेस कांफ्रेंस के लिए समय सुबह 11 बजे तय किया था,, लेकिन वक्त बीतता जा रहा था और लोग इंतजार में बैठे थे।

तेजस्वी को सीएम फेस बनाना तय हो गया था लेकिन विकासशील इंसान पार्टी के मुखिया मुकेश सहनी ने आखिरी समय में पासा फेंका कि ‘मुझे उपमुख्यमंत्री बनाओ’ और इसी वजह से प्रेस कांफ्रेंस देर से शुरू हुई। आखिरकार उनकी बात माननी पड़ी। कांग्रेस के अशोक गहलोत के नेतृत्व वाले महागठबंधन के सभी प्रमुख इकट्ठा हुए और फिर वीआईपी मुखिया की घोषणा की गई।बॉलीवुड के सेट डिज़ाइनर से अब सहनी बिहार के संभावित रूप से दूसरे सबसे शक्तिशाली व्यक्ति बन सकते हैं।सीट बंटवारे पर बातचीत को लेकर गठबंधन से पहले ही साहनी ने पहले 24 सीटों की मांग की थी, फिर 15 सीटों पर समझौता किया और उन्हें विधान परिषद में दो और राज्यसभा में एक सीट देने का वादा किया। सहनी का अपना कैडर है 44 वर्षीय सहनी से मल्लाह, सहनी और निषाद समुदायों के वोट लाने की उम्मीद की जा रही है। निषाद समुदाय की एक उपजाति, मल्लाह समुदाय, पूरे बिहार में फैला हुआ है, लेकिन कुछ निर्वाचन क्षेत्रों, खासकर मिथिलांचल और सीमांचल क्षेत्रों में, पर इसका प्रभाव है। सहनी ने स्पष्ट कर दिया था कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे चुनाव से बाहर जाने को तैयार हैं। सहनी की इस धमकी से महागठबंधन ने अपनी जीत की आस दूर जाती देखी और उनकी बात मान ली। इस तरह से देखें तो सहनी ने मौके का भरपूर फायदा उठाया।चुनाव के लिए चल रही गहमागहमी के बीच ऐसे समय में सहनी का साथ छोड़ने की महागठबंधन को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती थी। उन्हें अपने पाले में रखना उचित था, भले ही इसके लिए उप-मुख्यमंत्री जैसे पद को छोड़ना पड़े। इसी सोच से उनकी हर बात को मान लिया गया। लेकिन ऐसे संकेत मिले हैं कि सहनी अकेले उप-मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं होंगे, विपक्षी गठबंधन के अन्य उम्मीदवारों के नाम भी सामने आ सकते हैं।सहनी को साधने के साथ ही कांग्रेस ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाकर समझदारी दिखाई है। उसने एनडीए और चुनावी दंगल में लगाए जा रहे उन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है कि कांग्रेस अपने सहयोगी का समर्थन करने को तैयार नहीं है। कांग्रेस की तरफ से इस बड़ी जिम्मेदारी को निभाया अशोक गहलोत ने, जो महागठबंधन के चुनावी चेहरे को लेकर मतभेदों को सुलझाने के लिए बिहार पहुंचे थे। गहलोत ने कहा कि तेजस्वी यादव को इसलिए चुना गया क्योंकि वह “युवा” और “प्रतिबद्ध” हैं।

Written By
Aagaaz Express

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *