बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा 13 दिसंबर को ली गई 70वीं पीटी परीक्षा को रद्द कराने की मांग एक बार फिर से उठने लगी है। बिहार विधानसभा में भी इसका मुद्दा गूंज उठा। विपक्ष के विधायक ने इस परीक्षा को रद्द कर दुबारा परीक्षा लेने की मांग की। इतना ही नहीं विधायक ने नीतीश सरकार पर अभ्यर्थियों के साथ असमानता करने का भी आरोप लगाया। विधायक ने कहा कि संविधान असमानता करने का अधिकार हमें नहीं देता है तो सरकार ऐसा कैसे कर सकती है। केवल बापू परीक्षा परिसर की परीक्षा ही क्यों रद्द की गई? सभी परीक्षा केंद्र के पेपर क्यों नहीं रद्द किए गए।विपक्ष के विधायक सतीश कुमार ने नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला है।

गाने के बोल को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि “आंख है भरी भरी और तुम मुस्कुराने की बात करती हो।” बिहार के किसानों, नौजवानों और मजदूरों की आंखें भरी हुई हैं और सरकार उन्हें फील गुड कराने की बात करती है। आज बिहार के बजट में सबसे बड़ा हिस्सा 19.46 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च हो रहा है। लेकिन, पिछले 20 साल में परीक्षा लेने की एक पारदर्शी व्यवस्था नहीं बन पाया है। सरकार को बताना चाहिए कि 20 साल से अब तक पारदर्शी व्यवस्था क्यों नहीं बन पाई।विधायक सतीश कुमार ने आरोप लगाया कि आज बीपीएससी “बिहार पेपर स्कैम कमीशन” बनकर रह गया है। आज हजारों छात्र पिछले कई महीने से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन परीक्षा कैंसिल नहीं किया जा रहा है। केवल बापू परीक्षा परिसर में हुए पेपर को कैंसिल किया गया। बाकी जगह की परीक्षा को कैंसिल नहीं किया गया। अभ्यर्थियों का आरोप है परीक्षा में गड़बड़ी हुई है। सरकार ने सभी जगहों की परीक्षा को क्यों नहीं रद्द किया गया। सरकार को बताना चाहिए बाकी जगह पारदर्शी तरीके से कैसे परीक्षा ली गई? इसीलिए हमलोग चाहते हैं कि फिर से परीक्षा की जाए। क्योंकि बापू परीक्षा परिसर से 20 प्रतिशत बच्चे परीक्षा पास किए है और बाकी जगहों के महज छह प्रतिशत बच्चे पास हुए। यह तो असमानता है। हमारे संविधान द्वारा दिए गए समानता के अधिकार का उल्लंघन हुआ है।