बिहार में मतदाताओं की संख्या में 65 लाख से अधिक की आई कमी,जान लीजिए कितनों का कटा नाम?

बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण के आंकड़ों को चुनाव आयोग ने जारी कर दिया है. चुनाव आयोग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार राज्य में 22.34 लाख मतदाताओं की मौत हो चुकी है. इसके अलावा 36 लाख 28 हजार मतदाता या तो परमानेंट दूसरी जगह शिफ्ट हो गए हैं या कोई उनका पता नहीं है. इसके अलावा 7 लाख 1 हजार ऐसे भी मतदाता हैं, जो एक से ज्यादा जगह पर इनरोलहैं. इस तरह से राज्य में कुल वोटरों की संख्या अब 7 करोड़ 89 लाख 69 हजार 844 से 7 करोड़ 24 लाख 5 हजार 756 पर आ गई है.चुनाव आयोग की ओर वोटर लिस्ट को लेकर दावे और आपत्तियां दर्ज कराने के लिए एक महीने का समय दिया गया है. इसके बाद 1 सितंबर को चुनाव आयोग की ओर से फाइनल वोटर लिस्ट जारी की जाएगी. करीब एक महीने तक चले चुनाव आयोग के इस कार्यक्रम में बिहार के पटना समेत कई जिलों में वोटरों की संख्या में 2 से 3 लाख की कमी देखने को मिली है. वहीं, छोटे जिलों में यह आंकड़ा 30 हजार से 1 लाख के बीच है. ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में बिहार की सभी 243 सीटों के 90817 पोलिंग बूथों का डेटा शामिल किया गया है.चुनाव आयोग की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार बिहार की पश्चिम चंपारण जिले में वोटरों की संख्या में 1,91,376 की कमी देखने को मिली है. पश्चिम चंपारण में पहले कुल मतदाताओं की संख्या 27,60,990 थी जो अब ड्राफ्ट रोल में घटकर कुल मतदाताओं की संख्या 25,69,614 आ गई है. इसका मतलब है कि इस जिले में 1,91,376 मतदाता कम हो गए हैं. पश्चिमी चंपारण जिले में विधानसभा की कुल छह सीटें आती हैं.

इसी तरह से पूर्वी चंपारण जिले में भी वोटरों की संख्या में 3,15,730 की कमी देखने को मिली है. जिले में पहले कुल मतदाताओं की संख्या 36,88,485 थी जबकि चुनाव आयोग के ड्राफ्ट में यह संख्या 33,73,055 पर आ गई है. इसका मतलब है कि यहां 3,15,730 वोट कम हो गए हैं. हालांकि, अभी दावे और आपत्तियों का समय बचा हुआ है, ऐसे में आंकड़ों में थोड़ा बहुत उतार चढ़ाव देखने को मिल सकता है. पूर्वी चंपारण जिले में विधानसभा की 12 सीटें आती हैं. इसकी गिनती बिहार के बड़े जिले में होती है.बिहार के अहम जिलों में शामिल पूर्णिया की बात करें तो यहां एसआईआर से पहले कुल मतदाताओं की संख्या 22,68,431 थी. एसआईआर के बाद अब जिले में कुल ड्राफ्ट वोटरों की संख्या 19,95,811 पर आ गई है. इस तरह से देखें तो पूर्णिया जिले में 2,73,620 वोटर कम हो गए हैं. पूर्णिया वो जिला है जहां से पप्पू यादव सांसद हैं और उन्हें कांग्रेस का समर्थन हासिल है. पूर्णिया जिले में विधानसभा सीटों की कुल संख्या 7 है.रूपौली विधानसभा सीट पूर्णिया जिले में ही आती है. जहां, हुए उपचुनाव में आरजेडी ने बीमा भारती को मैदान में उतारा था लेकिन वो तीसरे नंबर पर रहीं. पिछले साल इस सीट पर हुए उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार शंकर सिंह ने बाजी मारी थी. उपचुनाव में जेडीयू की ओर से कलाधर मंडल को उम्मीदवार बनाया था जो 59578 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि इसी सीट से पूर्व विधायक और आरजेडी प्रत्याशी बीमा भारती 30108 वोटों के साथ तीसरे स्थान पर रहीं.वैशाली की गिनती भी बिहार के अहम जिलों में होती है. यहां एसआईआर से पहले कुल मतदाताओं की संख्या 26,74,245 थी. एसआईआर के बाद ड्राफ्ट रोल में शामिल मतदाताओं की संख्या अब 24,48,292 हो गई है. इस तरह से देखें तो यहां 2,25,953 वोटरों की कमी हुई है. वैशाली जिले में कुल 8 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें एक राघोपुर सीट भी है जहां से मौजूदा समय में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव विधायक हैं.बिहार के समस्तीपुर जिले में भी वोटरों की संख्या में भारी कमी देखने को मिली है. चुनाव आयोग के SIR से पहले इस जिले में कुल वोटरों की संख्या 31,45,370 थी जो अब घटकर 28,61,135 पर आ गई है. एसआईआर की प्रक्रिया में 2,84,235 वोटों की कमी देखने को मिली है. समस्तीपुर बिहार का वो जिला हैं जहां से तेज प्रताप यादव विधायक हैं. पारिवारिक मामले सामने आने के बाद आरजेडी ने फिलहाल तेज प्रताप यादव को पार्टी से बाहर कर दिया है.बिहार की राजधानी पटना जिले की बात करें तो यहां चुनाव आयोग एसआईआर ड्राफ्ट में 3,95,000 वोटरों की कमी देखने को मिली है. चुनाव आयोग की ओर से बिहार में एसआईआर शुरू होने से पहले यहां कुल वोटरों की संख्या 50,74,694 थी जो अब घटकर 46,15,694 हो गई है. पटना में विधानसभा की कुल 14 सीटें हैं. विधानसभा सीटों के हिसाब से देखें तो पटना सबसे बड़ा जिला है और कुल 14 सीटें हैं. इन सीटों में बख्तियारपुर, मोकामा, दीघा जैसी सीटें शामिल हैं.इसी तरह से लखीसराय जिले के मतदाताओं पर एक नजर डाले तो यहां पहले कुल वोटरों की संख्या 7,82,424 थी. चुनाव आयोग के एसआईआर के बाद तैयार हुए ड्राफ्ट में 48,824 वोटर कम हो गए हैं. अब यहां कुल वोटरों की संख्या 7,35,600 बची है. मौजूदा समय में बिहार के डिप्टी सीएम विजय सिन्हा लखीसराय सीट से ही विधायक हैं.बिहार के अहम जिलों में गिने जाने वाले सारण में 2,73,223 वोटर कम हो गए हैं. एसआईआर से पहले यहां कुल वोटरों की संख्या 31,34,108 थी जबकि अब नए ड्राफ्ट के हिसाब से देखें तो यहां कुल वोटरों की संख्या 28,60,885 हो गई है. सारण जिले में बिहार की 10 सीटें आती हैं. इसमें परसा, सोनपुर, छपरा, गोरियाकोठी, एकमा, जलालपुर जैसी कई अहम सीटें शामिल हैं. सारण को आरजेडी गढ़ कहा जाता है. आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव खुद यहां से कई बार चुनाव लड़ चुके हैं।