इंडिया और अमेरिका के बीच टैरिफ का मुद्दा जल्द सुलझेगा,अमेरिकी राजदूत ने दिया बड़ा अपडेट

अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से पूरी दुनिया पर चलाए गए टैरिफ चाबुक की जद में भारत भी आ गया है. देश पर अभी अमेरिका ने 50 फीसदी का टैरिफ लगाया है. ट्रेड डील को लेकर मामला अभी रुका हुआ है. लेकिन इसी बीच भारत में यूएस के होने वाले अगले राजदूत सर्जियो गोर ने टैरिफ को लेकर बड़ा अपडेट दिया है. उन्होंने कहा कि इंडिया और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच टैरिफ का मुद्दा जल्द सुलझ सकता है उन्होंने डील को लेकर पॉजटिव संकेत दिए हैं.सर्जियो गोर ने अपनी नियुक्ति की पुष्टि के लिए बुलाई गई एक बैठक में कहा कि भारत और के बीच दोस्ती बहुत गहरी है और टैरिफ के मामले में दोनों देश काफी करीब है. आने वाले कुछ हफ्तों में इसको लेकर फैसला हो सकता है.

कुछ दिनों पहले रूस के तेल खरीदने को लेकर दोनों देशों के बीच में मतभेद हुए थे लेकिन गोर का मानना है कि यह विवाद ज्यादा दिन नहीं चलेगा.अमेरिकी राजदूत ने कहा कि ट्रंप प्रशासन की प्राथमिकता में है कि वह भारत को रूसी तेल खरीदना बंद करवा दे. हालांकि, दोनों देश अभी विवाद को सुझलाने के काफी करीब हैं और हमें भारत से काफी उम्मीद है. साथ ही उन्होंने का राष्ट्रपति ट्रंप भारत की आलोचना जरूर करते हैं लेकिन वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अच्छे दोस्त हैं. उन्होंने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध चीन की तुलना में कहीं ज्यादा गर्मजोशी वाले हैं.अमेरिका और भारत के बीच डील को लेकर वर्ताएं तभी से चल रही हैं, जब से अमेरिकी राष्ट्रपति ने रेसिप्रोकल टैरिफ का ऐलान किया था. लेकिन, उसके बाद भी अभी तक डील हो नहीं पाई. इसी का नतीजा है कि यूएस ने भारत पर 50 फीसकी का टैरिफ लाद दिया है. असल में अमेरिका भारत के डेयरी सेक्टर और जापान की तरह ही कृषि सेक्टर में अपने उत्पादों को बेचना चाहता है, जिसको लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने बयान दिया है कि हम देश के किसानों के हितों के साथ समझौता नहीं करेंगे.भारत और अमेरिका के बीच व्यापिरक रिश्ते अभी तक काफी अच्छे रहे हैं इसके पीछे का एक कारण यह भी है कि दोनों देशों के बीच पीपल टू पीपल कनेक्शन भी शानदार है. यूएस के सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में अमेरिका और भारत के बीच कुल व्यापार 129.2 अरब डॉलर का था. इस दौरान अमेरिका ने भारत को 41.8 अरब डॉलर का निर्यात किया और भारत ने अमेरिका को 87.4 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट किया है. इसमें ऑटो से लेकर टैक्सटाइल इंडस्ट्री शामिल है.भारत अमेरिका को लगभग 68,520 करोड़ रुपए की दवाएं, 72,800 करोड़ रुपये के रत्न और गहने और 34,260 करोड़ रुपए के पेट्रोकेमिकल्स, टेक्सटाइल्स और ऑटो सेक्टर से जुड़े उत्पाद बेचता है.रत्न और गहनों के एक्सपोर्ट के मामले में भारत दुनिया के प्रमुख देशों में शामिल है. भारत हर साल करीब 33 अरब डॉलर के रत्न और गहने विदेश भेजता है, जिसमें से 30% यानी 9.9 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट सिर्फ अमेरिका को किया जाता है.भारत, अमेरिका में बिकने वाली जेनेरिक दवाओं का 47% हिस्सा सप्लाई करता है. ये दवाएं अमेरिका की हेल्थकेयर सिस्टम में अहम रोल निभाती हैं.वहीं, साल 2024 में भारत ने अमेरिका को 9.6 अरब डॉलर के कपड़े और वस्त्र निर्यात किए. यह भारत के कुल कपड़ा एक्सपोर्ट का 28% हिस्सा है।