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दिल्ली कैश मामले में बदल गई पूरी कहानी!जो भी पैसा मिला हैं वह हमारा नहीं-एक्शन के बाद आया जज का रिएक्शन

दिल्ली कैश मामले में बदल गई पूरी कहानी!जो भी पैसा मिला हैं वह हमारा नहीं-एक्शन के बाद आया जज का रिएक्शन
  • PublishedMarch 23, 2025

दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से भारी मात्रा में नकदी मिलने का मामला लगातार गरमाता जा रहा है। अब जस्टिस यशवंत वर्मा ने अपने ऊपर लगे आरोपों से साफ इनकार किया है और दावा किया है कि स्टोररूम में उनके या उनके परिवार के किसी सदस्य के द्वारा कोई नकदी नहीं रखी गई। जस्टिस वर्मा ने कहा कि उन्हें बदनाम करने की साजिश हो रही है। दरअसल मुख्य न्यायाधीश ने नकदी मिलने के मामले की आंतरिक जांच के आदेश दिए हैं। जिसके बाद दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय ने जस्टिस वर्मा से उनके ऊपर लगे आरोपों पर जवाब मांगा था।जस्टिस डीके उपाध्याय को भेजे पत्र में जस्टिस वर्मा ने लिखा कि ‘मेरे या मेरे परिवार के किसी सदस्य को स्टोर रूम में मिली नकदी के बारे में कोई जानकारी नहीं है। न ही मेरे या मेरे परिवार को ये नकदी दिखाई गई।’ जस्टिस वर्मा ने घटना को याद करते हुए बताया कि ’14-15 मार्च की रात उनके सरकारी आवास के स्टोर रूम में आग लगी। यह स्टोर रूम उनके स्टाफ क्वार्टर के पास स्थित है। स्टोर रूम को आम तौर पर इस्तेमाल न होने वाले फर्नीचर, बोतल, क्रॉकरी, इस्तेमाल किए हुए कारपेट आदि रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही उस स्टोर रूम में सीपीडब्लूडी का सामान भी रखा रहता है। स्टोर रूम में कोई ताला नहीं है और वहां कई अधिकारी आते जाते रहते हैं। इस स्टोर रू में सामने के दरवाजे से और पीछे के दरवाजे से भी आया जा सकता है।

यह मेरे आवास से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ नहीं है और यह मेरे घर का हिस्सा नहीं है।’जस्टिस वर्मा ने बताया कि ‘जिस दिन आग लगने की घटना हुई, उस दिन वे अपनी पत्नी के साथ मध्य प्रदेश में थे। उस वक्त घर पर सिर्फ मेरी बेटी और मेरी बुजुर्ग मां ही घर पर थीं। मैं 15 मार्च की शाम को भोपाल से दिल्ली लौटा। जब आग लगी तो मेरी बेटी और मेरे निजी सचिव ने फायर ब्रिगेड को फोन किया। आग बुझाने के दौरान मेरे सारे स्टाफ और मेरे घर के सदस्यों को आग वाली जगह से हटा दिया गया था। जब आग बुझ गई और जब ये लोग वहां पहुंचे तो मौके पर कोई नकदी नहीं थी। मैं फिर एक बार साफ कर दूं कि न तो मेरे द्वारा या मेरे परिवार के द्वारा कोई नकदी स्टोर रूम में रखी गई थी और न ही कथित तौर पर मिली नकदी से हमारा कोई संबंध है। ये पैसा हमारे द्वारा रखे जाने का दावा पूरी तरह से हास्यास्पद है।’ उन्होंने कहा कि एक ऐसी जगह पर नकदी रखने का विचार ही बेतुका है, जहां सब लोग आ जा सकते हैं।

Written By
Aagaaz Express

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