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इस दिन है महाशिवरात्रि!जानिए किस विधि से करें पूजा की सब मनोकामना होगा पूरा

इस दिन है महाशिवरात्रि!जानिए किस विधि से करें पूजा की सब मनोकामना होगा पूरा
  • PublishedJanuary 22, 2025

सनातन धर्म के लोगों के लिए महाशिवरात्रि के दिन का खास महत्व है, जिसे शिव जी और देवी गौरी के विवाहोत्सव के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, प्राचीन काल में फाल्गुन मास में आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि यानी महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और देवी शक्ति का मिलन हुआ था।

माना जाता है कि जो लोग सच्चे मन से महाशिवरात्रि के दिन शिव जी और देवी गौरी की साथ में पूजा करने के साथ व्रत रखते हैं, उन्हें सुख, शांति, धन, वैभव, यश और खुशहाली का वरदान मिलता है। साथ ही लव लाइफ में प्रेम बरकरार रहता है। चलिए जानते हैं साल 2025 में किस दिन महाशिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा। साथ ही आपको भगवान शिव और देवी गौरी की पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि के बारे में भी पता चलेगा।वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार, इस बार फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 26 फरवरी 2025 को सुबह 11 बजकर 08 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन 27 फरवरी 2025 को सुबह 08 बजकर 54 मिनट पर होगा। उदयातिथि के आधार पर इस बार 26 फरवरी 2025, दिन बुधवार को महाशिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा। हालांकि व्रत का पारण अगले दिन 27 फरवरी 2025 को होगा, जिसका शुभ मुहूर्त प्रात: काल 06 बजकर 48 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 54 मिनट तक है।

शिव-गौरी जी की पूजा के शुभ मुहूर्त:-

सूर्योदय- 26 फरवरी को प्रात: काल 6:54
ब्रह्म मुहूर्त- 26 फरवरी को प्रात: काल में 05:17 से लेकर 06:05 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त- नहीं है
रात्रि प्रथम प्रहर की पूजा का समय- 26 फरवरी को प्रात: काल 06:19 से लेकर सुबह 09:26 मिनट तक
रात्रि द्वितीय प्रहर की पूजा का समय- 26 फरवरी को सुबह 09:26 से लेकर 27 फरवरी को प्रात: काल 12:34 मिनट तक
रात्रि तृतीय प्रहर की पूजा का समय- 27 फरवरी को प्रात: काल में 12:34 से लेकर 03:41 मिनट तक
रात्रि चतुर्थ प्रहर की पूजा का समय- 27 फरवरी को प्रात: काल में 03:41 से लेकर 06:48 मिनट तक
निशिता काल पूजा का समय- 27 फरवरी को प्रात: काल में 12:09 से लेकर 12:59 मिनट तक

महाशिवरात्रि की पूजा विधि:-

ब्रह्म मुहूर्त में उठने के बाद स्नान आदि कार्य के पश्चात सफेद रंग के वस्त्र धारण करें।
सूर्य देव को जल अर्पित करें।
घर के मंदिर में एक चौकी रखें। उसके ऊपर सफेद रंग का कपड़ा बिछाएं। कपड़े के ऊपर शिवलिंग, शिव जी और मां पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें।
हाथ जोड़कर व्रत का संकल्प लें।
शिवलिंग का जल, दूध या गंगाजल से अभिषेक करें।
शिवलिंग पर बेलपत्र, फूल या बेर अर्पित करें।
शिव जी और मां पार्वती की पूजा करें और उन्हें उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाएं।
प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाएं। इस दौरान शिव चालीसा का पाठ करें।
अंत में देवी-देवताओं की आरती करके पूजा का समापन करें।

Written By
Aagaaz Express

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