अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अलास्का में मुलाकात हुई. इस मुलाकात पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हुई थीं. हालांकि मुलाकात में कुछ भी खास नहीं हो पाया ऐसा इसलिए क्योंकि दोनों नेताओं के बीच किसी भी डील पर सहमति नहीं बन पाई है. इसके अलावा इस मुलाकात को लेकर अब कई तरह के सवाल उठने लगे हैं. ट्रंप का प्रेस कांफ्रेंस में कम बोलना लोगों के लिए खटक रहा है.राष्ट्रपति ट्रंप कई और देशों के नेताओं से जब मिलते हैं, तो वे प्रेस कॉन्फ्रेंस में ज्यादातर सवालों के जवाब देते हैं. इसके साथ ही सामने वाले के बजाय खुद ही ज्यादा समय बोलने के लिए लेते हैं. हालांकि पुतिन के सामने वे केवल 3.3 मिनट ही बोल पाए. यही कारण है कि सवाल उठ रहे हैं.व्लादिमीर पुतिन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच 15 अगस्त को अलास्का में बैठक हुई. प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ एक समझौते पर सहमति जताई है.

हालांकि दोनों नेताओं में से किसी ने भी इस समझौते के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी.अलास्का में ये शिखर समिट लगभग तीन घंटे तक चला, हालांकि समिट के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस केवल 12 मिनट तक चली. सबसे हैरानी की बात ये है कि इस 12 मिनट में भी ट्रंप के 3.3 मिनट ही बोल पाए. ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया है. यही कारण है कि सवाल खड़े हो रहे हैं कि ट्रंप पुतिन के आगे अपनी मनमर्जी चलाने में कामयाब नहीं हो पाए?अलास्का समिट के बाद पुतिन और ट्रंप दोनों ने ही मीडिया के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस केवल ये बताया गया कि ये मुलाकात और बातचीत पॉजिटिव रही है. आगे और बातचीत जारी रहेगी. नेताओं के कहा कि हम कई मुद्दों पर सहमत हुए हैं. हालांकि जब तक कि सी समझौते पर साइन नहीं होते हैं तब तक वो समझौता नहीं माना जाएगा.ट्रंप ने अपनी बातचीत में कहा कि मैं नाटो को कॉल करूंगा और निश्चित रूप से राष्ट्रपति जेलेंस्की को फोन करूंगा. उन्हें आज हुई इस बैठक और बातचीत के बारे में बताऊंगा. इस दौरान ट्रंप ने जिक्र किया कि पुतिन के साथ मेरे हमेशा से ही बेहतरीन रिश्ते रहे है।