बिहार में मानसून विदाई से पहले पूरी तरह सक्रिय हो गया है. भारतीय मौसम विभाग ने अगले चार दिनों तक उत्तर और दक्षिण बिहार के कई जिलों में भारी से अति भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है.मौसम विभाग की मानें तो 18 सितंबर तक उत्तर बिहार के सभी 19 जिलों में सक्रिय मानसून रहेगा. इनमें से आठ जिले- किशनगंज, अररिया, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, वैशाली, सारण, समस्तीपुर और खगड़िया में बहुत ज्यादा भारी वर्षा की संभावना जताई गई है.मौसम विभाग ने बताया कि पूर्वोत्तर बांग्लादेश और मध्य असम के ऊपर ऊपरी हवा में चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है. यह औसत समुद्र तल से लगभग 3 से 5 किलोमीटर की ऊंचाई पर सक्रिय है. इन मौसमी परिस्थितियों के कारण उत्तर बिहार में बारिश और ज्यादा तेज होगी. विभाग ने चेतावनी दी है कि अत्यधिक वर्षा से नदियों के जलस्तर में तेजी से वृद्धि होगी और कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो सकती है.

नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क और सावधान रहने की सलाह दी गई है।विभाग के अनुसार दक्षिण बिहार में भी हल्की से मध्यम स्तर की सक्रिय वर्षा देखने को मिलेगी. सोमवार के मौसम पूर्वानुमान में राजधानी पटना समेत 14 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है. इनमें वैशाली, सारण, समस्तीपुर और खगड़िया में अति भारी बारिश की संभावना है. वहीं पटना, बेगूसराय, मुंगेर, लखीसराय, भोजपुर, मुजफ्फरपुर, शेखपुरा, किशनगंज, अररिया और सुपौल जिलों में भारी वर्षा के साथ-साथ गरज-चमक और तेज हवाएं चलने की आशंका है।रविवार को भी उत्तर बिहार के कई जिलों में मूसलाधार बारिश दर्ज की गई. किशनगंज में सबसे अधिक 299.6 मिमी वर्षा हुई, जिसे अति भारी बारिश की श्रेणी में रखा गया. सहरसा (146.4 मिमी), अररिया (144.2 मिमी) और मधेपुरा (110 मिमी) में भी बहुत भारी वर्षा हुई. इसके अलावा बेगूसराय, सुपौल, शेखपुरा, खगड़िया और मधुबनी में 65 से 95 मिमी तक बारिश दर्ज की गई.लगातार वर्षा के कारण तापमान में भी गिरावट देखी गई है. मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले पांच दिनों तक राज्यभर में पारा तीन से चार डिग्री तक नीचे जाएगा. रविवार को राजधानी पटना में अधिकतम तापमान 31.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो शनिवार की तुलना में 3.5 डिग्री कम था. वहीं, नालंदा के राजगीर में अधिकतम तापमान 33.9 डिग्री रहा. उत्तर-पूर्वी बिहार के कई जिलों में पारा 28 से 30 डिग्री के बीच दर्ज किया गया.मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और प्रशासन द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करें, क्योंकि भारी बारिश के चलते निचले इलाकों में जलजमाव और बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो सकती है।