कांग्रेस की कमान संभालने के दो साल के बाद मल्लिकार्जुन खरगे ने आखिरकार पार्टी की असल बीमारी पकड़ ली है. महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव में हार पर मंथन के लिए कांग्रेस कार्यसमिति की पिछले दिनों हुई बैठक में खरगे ने कांग्रेस के भीतर जारी आपसी गुटबाजी के साथ पार्टी की असल कमजोरियों को उजागर किया. साथ ही यह भी कह दिया है कि इस तरह की कार्यप्रणाली से बीजेपी जैसी पार्टी से कैसे मुकाबला करेंगे. उन्होंने कांग्रेस की सबसे दुखती रग गुटबाजी पर उंगली रख दी. ऐसे में खरगे कांग्रेस में ‘एक रहेंगे तो मजबूत रहेंगे’ का फॉर्मूला लागू करने के मूड में है, लेकिन सवाल यह है कि क्या इसे अमलीजामा पहना पाएंगे?हरियाणा में जीती हुई चुनावी बाजी कांग्रेस हार गई, जिसके पीछे कांग्रेस नेताओं की गुटबाजी अहम वजह रही तो जम्मू-कश्मीर में भी करारी मात खानी पड़ी. महाराष्ट्र में भी कांग्रेस अपने नेताओं के चलते बुरी तरह पस्त नजर आई. इस तरह 2024 के लोकसभा चुनाव से कांग्रेस के पक्ष में बने सियासी माहौल को फीका कर दिया है,

जिसके चलते ही खरगे सीडब्लूसी की बैठक में फुलफार्म में नजर आए. राहुल गांधी-प्रियंका गांधी की मौजूदगी में खरगे ने कांग्रेस की कमजोरियों को उजागर किया और उसके समाधान के लिए ‘एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे’ का फॉर्मूला दिया है.मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव से कांग्रेस ने नए जोश-खरोश के साथ वापसी की थी, लेकिन तीन राज्यों के चुनाव से सारी उम्मीदें टूट गई हैं. भविष्य के लिहाज से कांग्रेस के लिए यह चुनौती पूर्ण है. चुनाव नतीजों से सबक लेते हुए संगठन स्तर पर सभी कमजोरियां और खामियां दुरुस्त करने की जरूरत है. विधानसभा चुनाव में हार की असल वजह आपसी एकता की कमी और एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी रही. उन्होंने कहा कि जब तक हम एक हो कर चुनाव नहीं लड़ेंगे, आपस में एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी का सिलसिला बंद नहीं करेंगे, तो अपने विरोधियों को राजनीतिक शिकस्त कैसे दे सकेंगे.कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कई राज्यों में हमारा संगठन अपेक्षा के अनुरूप नहीं है. संगठन का मजबूत होना हमारी सबसे बड़ी जरूरत है. हमें पर्याप्त मेहनत करने के साथ ही बेहतर रणनीति के साथ काम करने की जरूरत है. हमें अपने संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करना होगा. इसके अलावा खरगे ने कहा कि राष्ट्रीय मुद्दों और राष्ट्रीय नेताओं के सहारे राज्यों का चुनाव आप कब तक लड़ें जाएंगे. खरगे ने साफ-साफ शब्दों में कहा कि कांग्रेस अजर-अमर नहीं है, जो अजर अमर होता है, उसको पुनर्जन्म की जरूरत नहीं होती.खरगे ने कहा कि पार्टी के पास अनुशासन का भी हथियार है, लेकिन हम नहीं चाहते कि अपने साथियों को किसी बंधन में डालें. इसलिए सब को ये सोचने की दरकार है कि कांग्रेस पार्टी की जीत में ही हम सबकी जीत है और हार में हम सबकी हार है. पार्टी की ताकत से ही हमारी ताकत है. इस तरह खरगे ने पार्टी की गुटबाजी को खत्म करने की नसीहत दी. इसके अलावा सीडब्ल्यूसी की बैठक में जिस भी नेता ने बीच में अपनी राय देने की कोशिश की तो खरगे ने साफ-साफ शब्दों में कहा कि आपने अपने प्रभार क्षेत्र वाले राज्य में इस फार्मूले को क्यों नहीं लागू किया।