पाकिस्तान के पीओके में क्यों मचा है बवाल?फोन बंद,सड़कें सूनी और 3 हजार फौज की तैनाती

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में सरकार वर्सेज स्थानीय नागरिकों के बीच के विवाद ने हड़ताल का रूप ले लिया है. 29 सितंबर से स्थानीय पब्लिक एक्शन कमेटी ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है, जिसका असर सोमवार सुबह से देखने को मिल रहा है. पूरे पीओके में मोबाइल इंटरनेट सेवा पर बैन लगा दिया गया है. सड़कों पर सैन्य फोर्स उतारे गए हैं. बंद की वजह से स्कूल, कॉलेज सब ठप हो गए हैं.मीडिया के मुताबिक पब्लिक एक्शन कमेटी ने 25 सितंबर को सरकार के साथ एक बैठक की थी. इस बैठक में कमेटी ने अपनी मांगों से सरकार को अवगत कराया था.

कमेटी का कहना था कि पीओके की जो स्थानीय सरकार है, उसके पावर में कटौती हो. वीआईपी व्यवस्था भी खत्म की जाए.आंदोलन की शुरुआत आटे की कीमत को लेकर हुई, जो बाद में धीरे-धीरे विद्रोह का रूप अख्तियार कर लिया. स्थानीय मीडिया के मुताबिक कश्मीर संयुक्त नागरिक कमेटी ने 38 मांगों की एक लिस्ट सरकार को सौंपी है. इनमें प्रवासियों के लिए आरक्षित विधानसभा की 12 सीटों को समाप्त करना, पीओके शासन के प्रमुख लोगों का भत्ता और वीआईपी कल्चर खत्म करना प्रमुख है।प्रदर्शनकारियों की एक मांग जल विद्युत परियोजना को लेकर भी है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इसकी रॉयल्टी सरकार की तरफ से नहीं दी जाती है, जो गलत है. इसकी तुरंत व्यवस्था की जाए. वहीं सरकार ने इन मांगों को पूरा करने में असमर्थता जता दी है।

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