क्या बिहार में फिर होगी सत्ता पलट का खेल?नीतीश कुमार के प्रति नरम हुई राजद

बिहार की राजनीति पूरे देश में चर्चा का विषय रहती है. अब एक बार फिर राष्ट्रीय जनता दल के एक बयान की चर्चा हर तरफ हो रही है. इसके अलग-अलग मायने भी निकाले जा रहे हैं, राजद ने कहा कि अगर नीतीश कुमार की जदयू बीजेपी से नाता तोड़ती है तो वे एक बार फिर उनके साथ राजनीतिक पारी शुरू करने के लिए तैयार हैं. इस बयान के बाद से ही नीतीश के पलटने को लेकर सवाल उठने लगे हैं.लालू यादव के करीबी विधायक भाई वीरेंद्र ने खगड़िया जिले ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि राजद एक बार फिर नई पारी शुरुआत करने के लिए तैयार है. लेकिन तभी जब वे भारतीय जनता पार्टी से नाता तोड़ते हैं. एनडीए के अंदर खींचतान की अटकलों के बीच आरजेडी विधायक के इस बयान ने बिहार की सियासी सरगर्मियां बढ़ा दी है.क्या बिहार में हो सकता है कोई खेल?बिहार में इस समय सियासी बयानबाजी जारी है. इस बीच भाई वीरेंद्र ने कहा कि बिहार कई राजनीतिक खेलों का गवाह रहा है, और भविष्य में भी इस तरह के कई खेल हो सकते हैं. यहां कोई खेल नया नहीं होता है. आगे भी कई और खेल हो सकते हैं, विधायक के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं. बयान के बाद ऐसा माना जा रहा है कि बिहार की राजनीति के अंदरखाने कुछ न कुछ तो पक रहा है.

वीरेंद्र ने कहा कि राजनीति में संभावनाएं बनी रहती हैं. अगर नीतीश कुमार सांप्रदायिक ताकतों से तंग आ गए हैं, और उन्होंने फैसला किया कि भाजपा से उनका मन भर गया है, तो हम (जदयू के साथ गठबंधन पर) फैसला करेंगे.राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि इसमें कोई बड़ी बात नहीं है, उन्होंने कहा कि अमित शाह ने भी नीतीश कुमार को साथ न लेने की बात कही थी. लेकिन उसके 1 साल बाद ही उनके साथ गठबंधन कर लिया. कम से कम, हमारे नेताओं ने कभी भी इस तरह की खोखली बयानबाजी का सहारा नहीं लिया है. ऐसी स्थिति पैदा होने पर उसके अनुसार निर्णय लिया जाएगा.

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