उत्तर बंगाल को विकास से रखा गया वंचित,ममता बनर्जी ने पीएम मोदी पर लगाई गंभीर आरोप

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर बंगाल के सिलीगुड़ी में एक कार्यक्रम में केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. बनर्जी ने उत्तर बंगाल के अविकसित होने, चाय बागानों के बारे में झूठे प्रचार और राज्य के साथ केंद्र के वित्तीय विवाद को उजागर किया. साथ ही उन्होंने नाम लिए बिना पीएम मोदी पर निशाना साधा। सिलीगुड़ी के पास फुलबारी 2 ग्राम पंचायत के वीडियोकॉन मैदान में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना उन पर हमला बोला. उत्तर बंगाल में आज बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट (बीजीबीएस) की विपक्ष द्वारा की गई आलोचना का जवाब देते हुए ममता बनर्जी ने कई सवाल दागे।उन्होंने केंद्र से सवाल करते हुए कहा कि, क्या आपको पता है कि सिर्फ देउचा-पंचमी में कितने हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है. उत्तर बंगाल में अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर बनाने के लिए कितना आवंटित किया जाएगा? आपको बताना होगा.

उन्होंने कहा कि, उत्तर बंगाल में पहले क्या था सिर्फ लोगों की चीखें. उन्होंने कहा कि, उत्तर बंगाल में कोई विकास नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि, अगर वो एक के बाद एक नाम लेंगी तो जगह की कमी हो जाएगी।पश्चिम बंगाल की सीएम ने कहा कि, उन्हें बदनाम करते हुए दिन भर राज्य सरकार को गालियां दी जा रही है और बंगाल को अपमान करने का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि, बंगाल के लोग हमेशा इसे स्वीकार नहीं करते. ममता ने कहा कि, हम सेना और मिट्टी के लोगों को सलाम करते हैं।मुख्यमंत्री ने बिना नाम लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि, 2016 में सिलीगुड़ी में चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री ने बंद पड़े चाय बागानों के अधिग्रहण का आश्वासन दिया था. हालांकि केंद्र सरकार ने अभी तक एक भी चाय बागान का अधिग्रहण नहीं किया है. इस मुद्दे को हथियार बनाकर मुख्यमंत्री ने कहा कि, एक भाजपा नेता आए और कहा कि वे सभी बंद पड़े चाय बागानों को खोल देंगे. वे एक भी नहीं खोल पाए।मुख्यमंत्री ने आज कहा कि राज्य सरकार ने अलीपुरद्वार जिले में आठ और जलपाईगुड़ी जिले में सात चाय बागान खोले हैं. कुल मिलाकर राज्य सरकार ने 59 बंद पड़े चाय बागानों को खोला है. ममता ने कहा कि, वह उन लोगों का समर्थन नहीं करतीं जो झूठ बोलकर, बदनामी करके और गलत सूचना फैलाकर लोगों के बीच विभाजन पैदा करने की कोशिश करते हैं. वह विभाजन नहीं, बल्कि एकता चाहती हैं।