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संभल मामले में खूब गरजे अखिलेश यादव,गिरिराज सिंह रोकते रहे नहीं पड़ा कोई फर्क

संभल मामले में खूब गरजे अखिलेश यादव,गिरिराज सिंह रोकते रहे नहीं पड़ा कोई फर्क
  • PublishedDecember 3, 2024

संभल हिंसा को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लोकसभा के शून्यकाल में बोलते हुए कहा कि संभल में जो घटना हुई है, वह एक सोची समझी साजिश है. संभल में भाईचारे को गोली मारकर खत्म किया गया है. बीजेपी और उसके सहयोगी दलों की ओर से पूरे देश में खुदाई की बातें, देश के भाईचारे को खत्म कर देंगी.” साथ ही अखिलेश ने कहा कि जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया जाए.समाजवादी पार्टी के प्रमख अखिलेश यादव ने आज मंगलवार को कहा कि संभल को अपने भाईचारे के लिए जाना जाता था, लेकिन संभल के भाईचारे को गोली मारी गई है. संभल में खुदाई सौहार्द को खत्म कर देगी. अखिलेश ने संभल की घटना को सोची-समझी साजिश बताते हुए कहा कि ये सरकार संविधान को नहीं मानती. अखिलेश जब भाषण दे रहे थे तब केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और गिरिराज सिंह लगातार टोक रहे थे, लेकिन सपा नेता ने अपना भाषण जारी रखा.अखिलेश ने आगे कहा कि पहले उपचुनाव 13 नवंबर को कराया जाना था, लेकिन तारीख में बदलाव करते हुए 20 नवंबर को कराया गया. इस बीच 19 नवंबर को सर्वे को लेकर याचिका दायर कर दी गई. दूसरे पक्ष को सुने बिना ही सर्वे का आदेश दे दिया गया. एक बार ढाई घंटे सर्वे के बाद जब ये हो गया कि अब रिपोर्ट कोर्ट में पेश की जाएगी, तो फिर सर्वे की क्या जरूरत थी.उन्होंने कहा कि पुलिस ने लोगों को नमाज पढ़ने से रोका. लोगों ने दोबारा सर्वे की वजह जाननी चाही तो पुलिस प्रशासन ने बेकसूरों को गोली मारी. पुलिस ने सामान खरीदने गए लोगों को गोली मारी, जिसमें 5 की मौत भी हो गई.यह दिल्ली-लखनऊ के बीच की जंगः अखिलेशउन्होंने कहा कि हिंसा के लिए याचिका दायर करने वालों के साथ-साथ स्थानीय प्रशासन भी जिम्मेदार है. संभल में माहौल बिगाड़ने वालों और पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. इनके खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया जाना चाहिए. उन्हें निलंबित किया जाना चाहिए. पुलिस प्रशासन ने संभल का माहौल बिगाड़ा.अखिलेश ने कहा कि संभल की घटना बीजेपी की सोची समझी साजिश है. बीजेपी के नेतृत्व पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला करते हुए अखिलेश ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच सत्ता संघर्ष का संकेत दिया. उन्होंने यह भी कहा, “यह दिल्ली और लखनऊ के बीच की जंग है. लखनऊ में बैठे लोग उसी तरह दिल्ली पहुंचना चाहते हैं जिस तरह राष्ट्रीय राजधानी में बैठे लोग सत्ता में आए थे.”इससे पहले राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने कहा, “24 नवंबर को सुबह 6 बजे पूरे संभल में पुलिस तैनात कर दी गई. संभल के लोगों को इस बात की जानकारी ही नहीं थी कि पुलिस क्यों तैनात की जा रही है. कुछ देर बाद डीएम, एसएसपी, वकील और कुछ लोग पुलिस के साथ ढोल बजाते हुए मस्जिद में घुस गए. भीड़ को शक हो गया था कि वे मस्जिद में तोड़फोड़ करने जा रहे हैं.”उन्होंने आगे कहा कि एसडीएम ने पानी की टंकी खोली और जब पानी बाहर निकलने लगा तो वहां मौजूद लोगों को शक हुआ कि उसमें कुछ गड़बड़ है और फिर इसके बाद वहां पर अशांति फैल गई. पुलिस ने कई राउंड गोलियां चलाईं जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई जबकि 20 लोग घायल हो गए. सैकड़ों लोगों पर केस दर्ज कर दिया गया और कई लोग तो अभी भी जेल में बंद हैं. यहीं नहीं जो पकड़े गए उन्हें बुरी तरह पीटा गया है.रामगोपाल यादव ने कहा, “मेरा और कई अन्य लोगों का मानना है कि उत्तर प्रदेश में पहले जो उपचुनाव हुए थे, उसमें पड़ोसी जिलों की पुलिस ने किसी भी वोटर्स को वोट नहीं डालने दिया और जबरन चुनाव को अपने कब्जे में ले लिया. यह सब एक तरह से उस बात से ध्यान हटाने के लिए किया गया था।

Written By
Aagaaz Express

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