भारत-चीन सीमा समझौते को लेकर दोनों देश हुआ सामान्य,अब पहले जैसे नहीं बनेगी स्थिति

नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग की रूस के कजान में आयोजित 16वें ब्रिक्स सम्मेलन में कई सालों बाद द्विपक्षीय बातचीत हुई. दोनों देशों के बीच साल 2020 में गलवान झड़प के बाद पहली बार आमने-सामने बातचीत हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग ने इस मुलाकात के दौरान ईस्टर्न लद्दाख में LAC पर गतिरोध खत्म करने को लेकर बनी सहमति पर भी बात की. पीएम मोदी ने इसका स्वागत किया. हालांकि यह सहमति मुलाकात से पहली ही बन गई थी।चीन से सीमा विवाद पर विदेश मंत्रालय ने सहमति की जानकारी दी थी. इस सहमति से ईस्टर्न लद्दाख में LAC पर डिसएंगेजमेंट शुरू होगा. दोनों देशों के बीच देपसांग और डेमचोक में पेट्रोलिंग बहाल की जाएगी. साल 2020 के बाद डेमचोक में चीन ने जो नए टेंट लगाए थे. वो हटाए जाएंगे और भारतीय सेना भी चीन के जवाब में बनाए गए टेंटों को हटाएगी. देपसांग में चीनी सैनिक उस जगह से पीछे जाएंगे जहां उन्होंने भारतीय सेना की पेट्रोलिंग ब्लॉक की है और उसी तरह भारतीय सैनिक उन जगहों पर पीछे जाएंगे जहां चीन की पेट्रोलिंग उन्होंने ब्लॉक की है।

सूत्रों के मुताबिक इन दो जगहों पर उसी तरह पेट्रोलिंग हो सकेगी जैसी अप्रैल 2020 से पहले होती थी. निगरानी मैकेनिज्म के लिए मिलिट्री लेवल पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच स्थानीय कमांडर मीटिंग जारी रखेंगे. यानी सहमति बनने के बाद भी ईस्टर्न लद्दाख में स्थिति सामान्य होने में अभी वक्त लगेगा. साथ ही यह साफ है कि इन सर्दियों में भी एलएसी पर भारतीय सैनिक अपनी पोजीशन पर डटे रहेंगे।साथ ही एक दूसरे पर भरोसा फिर से बने इसके लिए लोकल कमांडर स्तर पर सामान्य मुलाकातें भी हो रही हैं. पहले गलवान, पैंगोंग के उत्तरी किनारे, कैलाश रेंज और गोगरा-हॉट स्प्रिंग एरिया में जो बफर जोन बनाए गए हैं, उन पर सहमति बनाना अभी बाकी है. इन चार जगहों पर डिसएंगेजमेंट के बाद बफर जोन बनाए गए थे, जो 3 से 10 किलोमीटर तक के हैं. इस बफर जोन में कोई पेट्रोलिंग नहीं कर सकता है .सूत्रों के मुताबिक अब बातचीत सही रास्ते पर है तो इन बफर जोन को खत्म कर पेट्रोलिंग शुरू करने को लेकर भी बातचीत आगे बढ़ेगी।