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कुशवाहा से नाराज है उनके विधायक,बेटे को मंत्री बनाए जाने से खुश नहीं है पार्टी नेता!

कुशवाहा से नाराज है उनके विधायक,बेटे को मंत्री बनाए जाने से खुश नहीं है पार्टी नेता!
  • PublishedDecember 4, 2025

राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLP) के विधायक माधव आनंद ने हाल ही में बयान देकर यह संकेत दिया कि पार्टी के भीतर कुछ असंतोष है. उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी व्यक्तिगत इच्छा है कि वे मंत्री बनें. माधव आनंद ने कहा कि मंत्री बनने के लिए हर काबिलियत मुझमें है. मैं अर्थशास्त्री हूं और 55 देशों की यात्रा कर चुका हूं. लंबे समय से पार्टी की सेवा कर रहा हूं और मेरा अनुभव भी काफी है. उम्मीद है कि भविष्य में मुझे मंत्रिमंडल में मौका मिलेगा. उम्मीद पर दुनिया कायम है.माधव आनंद ने हालांकि यह भी कहा कि वर्तमान में पार्टी का निर्णय यह है कि केवल मंत्री विधायकों को ही शामिल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अभी पार्टी का निर्णय है कि मैं मंत्री नहीं बनूंगा. चलिए कोई बात नहीं, लेकिन यह निर्णय पार्टी की नीति का हिस्सा है और इससे पार्टी में कोई टूट नहीं होगी.जानकारी के अनुसार, इस बार उपेंद्र कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश को राष्ट्रीय लोक मोर्चा के कोटे से मंत्री बनाया गया है. दीपक प्रकाश ने विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा था और उन्हें राज्य विधान परिषद (MLC) बनाया जाएगा. इस फैसले से पार्टी के वरिष्ठ और लंबे समय से जुड़े नेताओं में असंतोष की संभावनाओं पर चर्चा तेज हो गई है.

राष्ट्रीय लोक मोर्चा इस बार विधानसभा में चार विधायक जीतने में सफल रही. माधव आनंद उपेंद्र कुशवाहा के करीबी नेताओं में शामिल हैं और लंबे समय से उनके साथ रहे हैं. उनके बयान से यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या पार्टी के भीतर सभी निर्णय संतोषजनक तरीके से लिए जा रहे हैं. क्या पार्टी नेतृत्व के निर्णय से अंदरुनी मतभेद और असंतोष उभर सकते हैं, यह भी राजनीतिक विश्लेषकों की नजर में है.विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे दलों में इस तरह के फैसले सामान्य हैं, खासकर जब परिवार के सदस्यों को पार्टी कोटे से लाभ दिया जाता है. हालांकि माधव आनंद ने स्पष्ट कर दिया कि वे पार्टी में किसी प्रकार की अस्थिरता नहीं चाहते और उनका बयान व्यक्तिगत इच्छा और भावनाओं पर आधारित है.राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि भविष्य में मंत्री पद के लिए उनकी उम्मीदवारी पर पुनर्विचार हो सकता है. फिलहाल पार्टी नेतृत्व ने इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है. लेकिन यह मामला यह स्पष्ट करता है कि राष्ट्रीय लोक मोर्चा में भी नेतृत्व और वरिष्ठ नेताओं के बीच संतुलन बनाए रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. माधव आनंद का बयान पार्टी के लिए सतर्कता का संकेत है, लेकिन उन्होंने यह भी भरोसा दिया कि पार्टी एकजुट है और आगे भी इसी तरह से काम करेगी.

Written By
Aagaaz Express

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